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Kartik Month 2023: A Journey of Lights and Devotion || इस महीने में धार्मिक त्योहार और व्रत जो बड़े श्रद्धा भाव से मनाए जाते हैं।

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Kartik Month
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Kartik Month 2023: A Journey of Lights and Devotion || इस महीने में धार्मिक त्योहार और व्रत जो बड़े श्रद्धा भाव से मनाए जाते हैं।

 

Kartik Month 2023: कार्तिक महीने में हिंदू धर्म में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इस महीने में लोग व्रत, जागरण, पूजा, हवन, दान-धर्म आदि कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। कार्तिक महीना विशेष रूप से शिव पूजा, तुलसी पूजा और दीपावली के उत्सव के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में लोग धार्मिकता और परंपराओं का पालन करते हैं और आनंद और ध्यान से धार्मिक कार्य करते हैं।

(Kartik Month) कार्तिक महीने में हिन्दू धर्म में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे कि:

धनतेरस (Dhanteras): हिन्दू पंचांग में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि (त्रयोदशी के दिन) को मनाया जाता है। यह त्योहार भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो आमतौर पर अक्टूबर और नवम्बर के बीच में आता है। धनतेरस का अर्थ है “धन की त्रयोदशी” जिससे यह संकेत मिलता है कि इस दिन धन और समृद्धि की प्राप्ति की जाती है।

इस दिन लोग सुबह उठकर श्री कुबेर (धन का देवता) की पूजा करते हैं और धन, समृद्धि, और लाभ की    कामना करते हैं।धनतेरस के दिन लोग आमतौर पर धान, सोना, चांदी, या अन्य महत्वपूर्ण वस्त्रों और        सामग्रियों की खरीदारी करते हैं, जिसका मानना ​​है कि यह उन्हें समृद्धि और सफलता की ओर ले जाएगा। धनतेरस को धन, सम्पत्ति, और खुशियों के साथ जीवन में नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की कामना के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली (Diwali): दीपावली का अर्थ होता है “दीपों की पंक्ति” जिसे प्रकाश की ओर जाने का संकेत किया जाता है।

दीपावली का त्योहार भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के दिन मनाया जाता है, जिसे रामलीला के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं, दीपों की रश्मि जलाते हैं और घर की सजीवता का प्रतीक मानते हैं। दीपावली के इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और स्वागत के लिए तैयारी करते हैं।

दीपावली के दिन लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर मिठाईयाँ खाते हैं, एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। यह त्योहार धार्मिकता, खुशियाँ, और एकता की भावना को दर्शाता है और लोग इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं। दीपावली का महत्व विशेषकर धन, समृद्धि, स्वास्थ्य, और खुशियों के साथ जीवन में नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की कामना करने के रूप में माना जाता है।

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गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja): हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जो कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की पड़ती है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है, जो कृष्ण भगवान के द्वारका लौटने के बाद गोकुल वासिनों द्वारा की गई थी। गोवर्धन पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान की भक्ति और आराधना करना है।

इस दिन विशेष रूप से गोकुल और वृन्दावन में कृष्ण मंदिरों में भगवान की मूर्ति की पूजा, अर्चना, आरती, और भजन-कीर्तन किए जाते हैं। गोवर्धन पूजा में लोग चावल, दलिया, रोटी, साग, मिठाई, घी, दही, और फलाहार की विशेष व्यंजन बनाते हैं और इसे भगवान को समर्पित करते हैं।

इस दिन एक विशेष प्रकार का प्रसाद बनाया जाता है, जिसे “अन्नकूट” कहा जाता है। इसमें संख्या से ज्यादा अन्न की सामग्री इकट्ठी की जाती है और यह प्रसाद भक्तों को बाँटा जाता है। गोवर्धन पूजा का अर्थ है भगवान की कृपा और संरक्षण की प्राप्ति करना और इसी भावना के साथ यह त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दी पंचांग में विशेष महत्व रखता है और भगवान की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

कार्तिक एकादशी(Kartik Ekadashi): कार्तिक एकादशी को ‘उत्थानी एकादशी’ या ‘प्रबोधिनी एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी का महत्व विशेष रूप से तुलसी पूजा के साथ जुड़ा हुआ है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनके भगवानी स्वरुप महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए व्रत करते हैं। यह एक उत्सवपूर्ण दिन होता है, जिसमें लोग उग्र तपस्या, पूजा, जागरण, ध्यान, भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान की आराधना करते हैं।

कार्तिक एकादशी का पालन करने से मान्यता है कि यह व्रत भगवान की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति करने में सहायता प्रदान करता है।

तुलसी पूजा(Tulsi Vivah): इसे भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है और इसकी पूजा उनकी पूजा के समान मानी जाती है। तुलसी पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है।

तुलसी पूजा में लोग तुलसी के पौधे को सजाकर पूजते हैं, गंगाजल और तुलसी दल से पूजा करते हैं और उसके पत्तों का प्रशाद बनाते हैं। इस दिन लोग तुलसी के पौधे के चारों ओर दीप जलाते हैं और उसकी पूजा करते हैं।

तुलसी पूजा का आयोजन भगवान की भक्ति और पूजा के एक विशेष तरीके के रूप में किया जाता है और इसे विशेष रूप से महिलाएं करती हैं। यह पूजा भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है और लोग इसे बड़े ध्यान से और विशेष महत्व देकर मनाते हैं।

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कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima): कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की पूजा करना है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और उनकी आराधना की जाती है। इस दिन भक्तगण भगवान विष्णु की पूजा, जागरण, भजन-कीर्तन आदि करते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा को विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान करने का महत्व माना जाता है। लोग इस दिन सुबह जल में स्नान करते हैं और फिर अपने श्रद्धा भक्ति से भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन कार्तिक महीने की पूर्णिमा को कार्तिक स्नान मेला के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें लाखों लोग गंगा नदी में स्नान के लिए आते हैं।

कार्तिक सोमवार व्रत(Kartik Monday Vrat): कार्तिक सोमवार व्रत में व्रती स्त्री एक सोमवार को दिनभर उपवास (निराहार) रखती है और संध्या और सायंकाल में शिवलिंग की पूजा करती है। वह जल, दूध, बेलपत्त्र, धातूरा, गंगा जल, मधु, घी, दही, शहद (हनी), गंगा जल, रोली, अक्षता, बिल्वपत्र, ब्रजकी खानी इत्यादि का उपयोग करती हैं शिवलिंग की पूजा के लिए।

व्रत के इस दिन व्रती स्त्री श्री शिव की आराधना करती हैं, मंत्र जाप करती हैं, भजन की गायन करती हैं और उनकी कृपा की कामना करती हैं। यह व्रत श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है और समाज में शांति, सुख, शुभकामनाएँ और आनंद का संकेत माना जाता है।

देव दीपावली(Dev Diwali): देव दिवाली का अर्थ होता है “देवों की दिवाली” और यह भगवान शिव की पूजा और आराधना का एक विशेष रूप है। इस दिन लोग अपने घरों की सजावट करते हैं, दीपों की रश्मियों को जलाते हैं और शिवलिंग की पूजा करते हैं। यह त्योहार भगवान शिव की कृपा, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

इस दिन विशेष रूप से वाराणसी, भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में मनाया जाता है, जहाँ लाखों श्रद्धालु आकर्षित होते हैं। शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा, अर्चना, आरती, और भजन-कीर्तन किया जाता है। देव दिवाली के इस महान पर्व में शिव भक्ति, समर्पण, और आत्मा की शुद्धि का संकेत है।

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यह कुछ मुख्यतः त्योहार और व्रत हैं जो कार्तिक महीने में मनाए जाते हैं। इस महीने में धार्मिक गतिविधियाँ बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती हैं।


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