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Shri Banke Bihari Temple Vrindavan

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banke bihari temple
Banke Bihari temple

Shri Banke Bihari Temple Vrindavan

                        “बोलो श्री बांके बिहारी लाल की जय”

Shri Banke Bihari Temple, Vrindavan:  बांके बिहारी मंदिर वृनदावन के बीचों – बीच घने बाजार तथा टेढ़ी – मेड़ी कुञ्ज गलियों में स्थित है| वृन्दावन वह जगह है जहां की कुंज गलियों में श्री राधा-कृष्ण का अनोखा प्रेम परवान चढ़ा रहता हैं। ब्रज भूमि में आने वाला हर भक्त राधा कृष्ण प्रेम के धागे से बंधा है इसकी एक झलक बांके बिहारी जी के मंदिर में देखने को मिलती है। यह मंदिर आस्था और भक्ति एक ऐसा संगम है जिसमें हर कोई डुबकी लगाना चाहता है। यहां राधा कृष्ण के प्रेम रूपी गंगा-यमुना का पवित्र संगम होता है।

श्री बांके बिहारी जी को श्री हरिदास जी ने Nidhivan (निधिवन) में अपनी भक्ति का अनोखा रूप तथा अनोखी भक्ति में सराबोर होकर बांके बिहारी के विग्रह को प्रकट किया था |

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History of Shri Banke Bihari Temple 

कालांतर के बाद इन्हे  के बाद यहाँ पर विराजमान  मंदिर बनबाये उसी समय से सेवा पूजा का क्रम चालू रखा धीरे-धीरे आबश्यकतानुसार गोस्वामी परिबार ने छोटा मंदिर होने के कारण गोस्वामियों ने तन-मन-धन तथा मंदिर को नयी कलाकृति से बनबाया तथा गोस्वामी समाज ने इस मंदिर को तैयार किया इसी प्रकार कठोर परिश्रम और लम्बे समय धैर्य के उपरांत वर्तमान सम्वत 1921 में बनकर तैयार हुआ |

इस समय इस भव्य मंदिर के निर्माण का खर्च 70 हजार आँका गया था लागत का रुपया गोस्वामी समाज का बताया जाता है | मथुरा का तत्कालीन जिला अधिकारी F.S.  ग्राउस नाम का अंग्रेज था उसने अपने समय की महत्ब्पूर्ण  घटनाओ का वितरण देते हुए मथुरा – आदिस्ट्रीकर  मेमोअर  नमक किताब लिखी थी|

उस किताब में भी बिहारीजी के मंदिर निर्माण का विबरण  दिया गया है  मंदिर एक चौकोर चबूतरे के आकर का है तथा शिल्पकाल की दृष्टि से वृन्दावन के अन्य मंदिरो से सूंदर है तथा  देश – विदेश में विख्यात है यह वृज भूमि वृन्दावन का मुख्या मंदिर है इस मंदिर की छवि ( विग्रह ) राधाकृष्ण रूपी एक ही मूर्ति में समाहित है इसीलिए बांकेबिहारी कहा जाता है | 

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Shri Banke Bihari ji
Shri Banke Bihari ji

Shri Banke Bihari एक छोटे से कमरे में विराजमान है और सामने एक बड़ा आँगन है जो की कामरे से निचा है आगन में हजारो यात्री श्री बांकेबिहारी के खड़े होकर दर्शन करते हैं|

मेरे बांके बिहारी की छवी अनोखी निराली और विकास सुंदर है बांके बिहारी जी की मोटी-मोटी आंखे और उनके चाहरे की चमक हर किसी का मन मोह लेती है

श्री बांके बिहारी के रूप की में क्या व्यख्या करुं सर पर “जबहारात जड़ित मोर मुकुट,कमर में काली काछनी गले में पुष्पों से जड़ित माला” के साथ अपन भक्तो को दर्शन देकर अपने भक्तो की मनोकामना पूरी करते है|

जो भी भक्त एक बार बांकेबिहारी क दर्शन कर लेता है वो बार बार वृन्दावन आकर श्री बांकेबिहारी जी के दर्शन करने के लिए आना चाहता है| Shri banke Bihari ke Darshan (बांके बिहारी जी के दर्शन) मात्र से मनुष्य क जीवन सफल हो जाता है |

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यहाँ पर गोस्वामी परिवार सेवायत रहते है तथा नियम के अनुसार बदल-बदल कर सेवा करते है | गोस्वामी जी अपनी सेवा में नियमानुसार सेवा अर्चना करके तथा विधि – विधान परिपूर्ण करते है | तथा देख – रेख क विशेष ध्यान: दिया जाता है जो की इस मंदिर की परंपरा है |

Special festival in Shri Banke Bihari Ji

वैसे तो Shri Banke Bihari Temple में हर दिन उत्सव होते रहते है जैस मई महीने में Akshay Tratiya का विशेष उत्सव मनाया जाता है जिसमें श्री बांकेबिहारी जी के चरण दर्शन होते है जो साल में Akshay Tritiya (अक्षय तृतीया) के दिन ही होते है |

 
Shri Banke Bihari Temple में Holi Mahotsav (होली महोत्सव) बड़े धूम धाम से 6 से 7 दिन तक मनाया जाता है इसके अलावा Hariyali Teej (हरियाली तीज) , shri krishna janmashtmi (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी) , Sharad purnima (शरद पूर्णिमा) , Bihar Panchmi (बिहार पंचमी) , Basant Panchmi (बसन्त पंचमी) आदि उत्सव प्रमुख है |
 

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Shri Banke Bihari
Shri Banke Bihari Temple

Hariyali teej (हरियाली तीज) पर भी विशेष आयोजन रखा जाता है जिसमें लाखो यात्री श्री बांकेबिहारी जी के दर्शन के लिए आते है |इस दिन मंदिर परिसर को अनोखे रूप मे सजाया जाता है

इस दिन मंदिर में हरे रंग की सजावट तथा बांकेबिहारी जी को हरे रंग की पोशाक में सजा कर सोने से बने हिंडोल में विराजमान किया जाता है | इस छवि को भक्तगण दर्शन करके अपन आप को धन्य मानते है

इस प्रकार हर उत्सव का अन्य प्रकार के कार्यक्रमों को बाद धूमधाम से मनाया जाता है | विशेष उत्सवों पर यात्रियों की गाडी वाहन क वृन्दावन में आना वर्जित है | इसमें यात्रियों का सहयोग बहु जरुरी है |

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