Seva Kunj Temple Vrindavan | Seva Kunj, Vrindavan History in Hindi
Seva Kunj Temple Vrindavan
Seva Kunj Temple Vrindavan
सेवा कुंज, जिसे निकुंज वन (जंगल) के नाम से भी जाना जाता है, वृंदावन में स्थित है। वृंदावन एक ऐसा शहर है जो भगवान कृष्ण के जीवन का पर्याय है। यह सबसे महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक हैऔर प्रसिद्ध है क्योंकि भगवान कृष्ण ने अपना बचपन यहीं बिताया था।
यह स्थान उनके आशीर्वाद से संपन्न है और कई पवित्र स्थान हैं जो आपको भगवान कृष्ण और उनकी प्रिय राधा रानी की चमत्कारी आध्यात्मिक उपस्थिति से चकित कर देंगे। सेवा कुंज वृंदावन में एक और पवित्र स्थान है जो आनंदित जोड़े राधा-कृष्ण के बिना शर्त प्यार का जश्न मनाता है।
वृंदावन में सेवा कुंज मंदिर राधा जी और कान्हाजी के दिव्य प्रेम को दर्शाने वाला शानदार स्थान है। यह स्थान भगवान कृष्ण के दिल के करीब है। इस मंदिर में राधा कृष्ण की एक सुंदर मूर्ति है। यहां एक कुंड भी है जिसे ललिता कुंड के नाम से जाना जाता है।
Seva Kunj Temple Vrindavan
ऐसा माना जाता है कि हर रात भगवान कृष्ण और राधा रानी इस स्थान पर आते हैं। इसलिए शाम के बाद यह जगह पूरी तरह से बंद हो जाती है। वैसे तो हम दिन में बहुत से बंदरों को देख सकते हैं लेकिन शाम होते-होते वे यहां से निकल भी जाते हैं।
माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने इस पवित्र स्थान पर राधा रानी की सेवा की थी। कृष्ण ने रास लीला के लिए तैयार होने में उनकी मदद की, बालों में कंघी की और उन्हें गहनों से सजाया। यह दीवार पर मंत्रमुग्ध कर देने वाली पेंटिंग और हिंदू धर्मग्रंथों से यहां खुदे हुए श्लोकों द्वारा दर्शाया जा सकता है। मंदिर में हर दिन भगवान की सेज सजाई जाती है और श्रृंगार साम्रगी रख दी जाती है।
मान्यता है कि श्री राधा रानी श्रृंगार सामग्री से अपना श्रृंगार करती हैं और भगवान श्री कृष्ण श्री राधा के साथ सेज पर विश्राम करते हैं। अगले दिन भक्तगण इस श्रृंगार सामग्री और सिंदूर को प्रसाद स्वरूप पाकर अपने आपको धन्य मानते हैं।
Real Story Of Seva Kunj Temple Vrindavan | Seva Kunj, Vrindavan History
सेवाकुंज में भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा आज भी अद्र्धरात्रि के बाद रास रचाते हैं। रास के बाद ‘सेवाकुंज’ परिसर में स्थापित निज मंदिर में शयन करते हैं। धार्मिक नगरी वृन्दावन में ‘सेवाकुंज’ एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है।
निज मंदिर में आज भी प्रसाद (माखन मिश्री) प्रतिदिन रखा जाता है। शयन के लिए सेज सजाया जाता है… सुबह सेज के देखने से प्रतीत होता है कि यहां निश्चित ही कोई रात्रि विश्राम करने आया तथा प्रसाद भी ग्रहण किया है। लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले सेवाकुंज के वृक्षों की खासियत यह है कि इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई प्रतीत हाते हैं।
सेवाकुंज परिसर में ही महाप्रभु श्री हित हरिवंश जी की जीवित समाधि, निज मंदिर, राधाबल्लभ जी का प्राकट्य स्थल, राधारानी बंशी अवतार आदि दर्शनीय स्थान है। ‘सेवाकुंज’ दर्शन के दौरान वृन्दावन के पंडे-पुजारी, गाईड द्वारा ‘सेवाकुंज’ के बारे में जो जानकारी दी जाती है,
उसके अनुसार ‘सेवाकुंज’ में प्रतिदिन रात्रि में होने वाली श्रीकृष्ण की रासलीला को देखने वाला अंधा, गूंगा, बहरा, पागल और उन्मादी हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के बारे में किसी को बता ना सके।
Seva Kunj Temple Vrindavan
सुबह मिलती है गीली दातून
इसी कारण रात्रि 8 बजे के बाद पशु-पक्षी, परिसर में दिनभर दिखाई देने वाले बन्दर, भक्त, गोस्वामी, पुजारी इत्यादि सभी यहां से चले जाते हैं और परिसर के मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया जाता है। उनके अनुसार यहां जो भी रात को रुक जाते है वह सांसारिक बन्धन से मुक्त हो जाते हैं और जो मुक्त हो गए हैं, उनकी समाधियां परिसर में ही बनी हुई है।
इसी के साथ गाईड यह भी बताते हैं कि ‘सेवाकुंज’ में जो 16108 आपस में गुंथे हुए वृक्ष आप देख रहे हैं, वही रात में श्रीकृष्ण की 16108 गोपियां बनकर उनके साथ रास रचाती हैं।मान्यता है कि सेवाकुंज का हर एक वृक्ष गोपी है। रात को जब यहां श्रीकृष्ण-राधा सहित रास के लिए आते हैं
तो ये सारे पेड़ जीवन्त होकर गोपियां बन जाते हैं और सुबह फिर से पेड़ बन जाते हैं। इसलिए इस वन का एक भी पेड़ सीधा नहीं है। रास के बाद श्रीराधा और श्रीकृष्ण परिसर के ही निज महल में विश्राम करते हैं। सुबह 5:30 बजे निज महल का पट खुलने पर उनके लिए रखी दातून गीली मिलती है और सामान बिखरा हुआ मिलता है जैसे कि रात को कोई सेज पर विश्राम करके गया हो।
Seva Kunj Temple Vrindavan
Seva Kunj Temple Timings: 08:00 am – 07:30 pm
The temple remains closed between 11:00 am to 05:30 pm
सेवा कुंज मंदिर वृंदावन में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। Brijbhakti.com और Brij Bhakti Youtube Channel आपको वृंदावन के सभी मंदिरों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है जो भगवान कृष्ण और उनकी लीलाओं से निकटता से जुड़े हुए हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य आपको पवित्र भूमि के हर हिस्से का आनंद लेने देना है, और ऐसा करने में, हम और हमारी टीम आपको वृंदावन के सर्वश्रेष्ठ के बारे में सूचित करने के लिए तैयार हैं!
How to Reach Seva Kunj ( कैसे पहुंचें सेवा कुंज )
Seva Kunj Temple Vrindavan
सेवा कुंज वृंदावन से सिर्फ 2.1 किमी दूर है। वृंदावन पहुंचने के संभावित तरीके नीचे दिए गए हैं।
सड़क मार्ग से: राज्य की बसें वृंदावन को मथुरा, आगरा और हरिद्वार जैसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं। दिल्ली और आगरा से भी टैक्सियाँ उपलब्ध हैं; यात्री 3000 रुपये से 5000 रुपये के बीच कहीं भी भुगतान करके दिल्ली से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। दिल्ली से वृंदावन के लिए सीधी बसें भी हैं लेकिन ज्यादातर बसें हर आधे घंटे के अंतराल के बाद मथुरा (70 रुपये) जाती हैं। वृंदावन मथुरा से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर है और कोई भी स्थानीय ऑटो रिक्शा 20 रुपये ले सकता है।
Seva Kunj Address: Seva Kunj, Near Radha Damodar Temple, Vrindavan, Uttar Pradesh – 281121
Entry: Free of cost.
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