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Dev Uthani Ekadashi 2021: देवउठनी एकादशी उपाय जो दिलाएंगे श्री विष्णु की विशेष कृपा

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Dev Uthani Ekadashi 2021
Dev Uthani Ekadashi 2021

Dev Uthani Ekadashi 2021 कहते हैं जब शुभ दिन आते है तब अपने आप शगुन दिखने लग जाता हैं, पंछियों की चहक सुनाई देने लगती है और दिशाएं स्वयं खिल उठती हैं। ऐसे ही शुभ दिनों में एक दिन है देवउठनी एकादशी, जिस दिन तुलसी जी के विवाह के रूप में भी जानते है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को लोग देवउठनी एकादशी के नाम से जानते हैं। मान्यता है कि क्षीर सागर में चार महीने की योगनिद्रा के बाद भगवान विष्णु इस दिन निद्रा से उठते हैं।

इससे पहले भगवान विष्णु आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष में देव शयनी एकादशी को विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। भगवान विष्णु के शयन को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। भगवान विष्णु इन चार महीनों में निद्रा करते हैं इसलिए इन चार महीनों को चातुर्मास भी कहा जाता है।

Dev Uthani Ekadashi2021: भगवान विष्णु की निद्रा से जुड़ी पौराणिक कथा

भगवान विष्णु की निद्रा के लिए एक पुरानी कथा भी प्रचलित है कि, एक बार एक राजा बलि हुए जो अपने दान को लेकर बेहद मशहूर हुए जिससे उनमें अहंकार आ गया और वो अहंकारी हो गए । उनके अहंकार को तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने वामन भगवान के रूप में अवतार लिया और उन्होंने राजा बलि द्वारा दिए गए वचन के अनुसार दो पग में पूरी दुनिया और पूरे ब्रम्हांड को नाप लिया और फिर तीसरे पग के लिए कुछ नहीं बचा, जिसके फल स्वरुप राजा बलि ने श्री हरी विष्णु के लिए अपने सर पर चरण रखने को कहा और खुद को भी दान स्वरूप दे दिया।

जिसके कारण भगवान विष्णु राजा बलि से बहुत प्रसन्न हो गए और राजा बलि को वरदान मांगने को कहा। तब राजा बलि ने भगवान विष्णु को उनके साथ रहने का वरदान माँगा। राजा बलि द्वारा मांगे गए इस वरदान के फल स्वरुप भगवान विष्णु पाताल लोक उनके साथ चले गए।

उसके बाद जब यह सूचना माता लक्ष्मी को वैकुण्ठ में मिली तो वह बेहद दुखी हुई। फिर मां लक्ष्मी ने राजा बलि को अपना भाई बना लिया और उनको रक्षा सूत्र बांध कर श्री हरि विष्णु को वापिस अपने साथ ले आईं। इसलिए आज भी यह मान्यता है कि भगवान विष्णु विश्राम करने के लिए इन चार महीनों में पाताल लोक चले जाते हैं जिससे शादी-विहाह जैसे मांगलिक कार्य रुक जाया करते हैं। 

Dev Uthani Ekadashi 2021: भगवान विष्णु की पूजा का महत्व 

भगवान विष्णु की आराधना करके हम गुरु ग्रह को सही करने का आग्रह करते हैं यानी जब किसी की जन्म कुंडली में गुरु का फल अच्छा न मिल रहा हो तो श्री हरि विष्णु जी की ही आराधना की जाती है। और गुरु ग्रह या बृहस्पति ग्रह को देख के ही सारे मांगलिक कार्य संपन्न किए जाते हैं।

ऐसे में अगर स्वयं यदि श्री हरि ही विश्राम की अवस्था में हों तो फिर मांगलिक कार्य कैसे किए जा सकते हैं। इस प्रकार पौराणिक कथा हो या उसका वैज्ञानिक आधार ये सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

Dev Uthani Ekadashi 2021: शुभ मुहूर्त

इस वर्ष यानी 2021 में देव उठनी एकादशी 14 नवंबर को मनाया जाएगा और इसके बाद से मांगलिक कार्यों का भी आरंभ हो जाएगा।

देवउठनी एकादशी व्रत 14 नवंबर को रहेगा और इसको 15 नवंबर को सुबह श्री हरि का पूजन करके समाप्त करना चाहिए। 

एकादशी तिथि आरंभ समय:– 14 नवंबर सुबह 05:48 बजे

एकादशी तिथि समापन समय:- 15 नवंबर सुबह 06:39 बजे

एकादशी व्रत में पारण का अपना अलग ही महत्व होता है और इसलिए यदि सही मुहूर्त में पारण किया जाए तो उसका फल कई गुना मिलता है। 

तुलसी विवाह 2021: शुभ मुहूर्त 

तुलसी विवाह तिथि – सोमवार, 15 नवंबर 2021

द्वादशी तिथि प्रारंभ – 06:39 बजे (15 नवंबर 2021) से

द्वादशी तिथि समाप्त – 08:01 बजे (16 नवंबर 2021) तक

तुलसी विवाह मुहूर्त 

15 नवंबर 2021: दोपहर 1:02 बजे से दोपहर 2:44 बजे तक  

15 नवंबर 2021: शाम 5:17 बजे से – 5:41 बजे तक

  • जिस भी स्थान पर आप तुलसी विवाह करने जा रहे हैं वहां तुलसी का पौधा रखने से पहले उस जगह की अच्छे से साफ सफाई अवश्य करें।
  • पूजा वाली स्थान पर और तुलसी के गमले पर गेरू लगाएं।
  • तुलसी विवाह के लिए मंडप तैयार करने के लिए गन्ने का इस्तेमाल करें। 
  • पूजा प्रारंभ करने से पहले स्नान अवश्य करें, साफ कपड़े पहनें, और तुलसी विवाह के लिए आसन बिछाएं। 
  • इसके बाद तुलसी के पौधे पर चुनरी और श्रृंगार का सामान जैसे, चूड़ी, बिंदी, आलता आदि मां तुलसी को अर्पित करें। 
  • मंडप में तुलसी के पौधे को रखने के बाद दाई तरफ एक साफ़ चौकी पर शालिग्राम रखें। 
  • इसके बाद भगवान शालिग्राम के ऊपर हल्दी दूध मिलाकर चढ़ाएं। 
  • शालिग्राम का तिलक करते समय तिल का इस्तेमाल करें। 
  • इसके अलावा इस पूजा में गन्ने, बेर, आंवला, सिंघाड़ा, सेब इत्यादि फल चढ़ाएं। 
  • तुलसी विवाह के दौरान मंगलाष्टक ज़रूर पढ़ें।
  • इसके बाद घर का कोई पुरुष भगवान शालिग्राम को चौकी सहित बाएं हाथ से उठाकर तुलसी माता की सात बार परिक्रमा करें। 
  • इसके बाद तुलसी विवाह संपन्न हो जाता है और विवाह संपन्न होने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें।

Dev Uthani Ekadashi 2021: उपाय जो दिलाएंगे श्री विष्णु की विशेष कृपा  

आप प्रियजन भी देवउठनी एकादशी के दिन कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं जिससे आपके ग्रहों को मजबूती मिलेगी जैसे:- 

इस दिन तुलसी विवाह भी होता है इसलिए तुलसी की पूजा करके हम भगवान विष्णु से सीधे तौर से जुड़ सकते हैं तो आप विधि विधान से इस दिन तुलसी जी का विवाह संपन्न करिए और श्री हरि विष्णु जी का आशीर्वाद लीजिए।

  • तुलसी के चारो ओर आप रंगोली बनाएं और फिर वहां दीपक जलाकर तुलसी मंत्र या विष्णु भगवान के मंत्र का जाप करें। आप यदि ॐ नमो भगवते वासुदेवाय  मंत्र का जाप भी 108 बार करते हैं तो आपके सभी कष्टों को श्री हरि स्वयं हर लेंगे।
  • इस दिन यदि आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा और यदि धन प्राप्ति की इच्छा हो तो भगवान विष्णु को दूध में केसर मिलाकर उससे भगवान का स्नान करिए। इससे आपके घर में धन का आगमन स्वयं होने लगेगा।
  • इस दिन गाय की सेवा से भगवान को अति प्रसन्नता मिलती है इसलिए यदि इस दिन गाय की सेवा की जाए, गाय को अपने हाथों से खिलाया जाए तो हर प्रकार से भगवद कृपा होगी और विशेषकर जिनके विवाह में अड़चन है वो अगर ऐसा करते हैं तो निश्चित ही उनका विवाह जल्दी संपन्न होगा।
  • संतान ना हो पाना या संतान का देर से होना भी एक बड़ी समस्या है इसलिए, इस दिन जो भी नारायण के सामने घी का दीपक जलाकर संतान गोपाल का 108 बार पाठ करेगा उसे जल्दी ही संतान की प्राप्ति भी हो जाएगी।
  • एकादशी के दिन आप पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज पहले भगवान विष्णु को अर्पण करें, इसके बाद ये सभी वस्तुएं गरीबों व जरूरतमंदों में दान कर दें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी।
  • इस दिन पीपल के पूजा करने का भी विशेष महत्व है। यदि पीपल वृक्ष के पास दीपक जलाएं और पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें तो कर्ज से भी जल्दी मुक्ति मिल जाएगी।
  • एकादशी के दिन सात कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराना चाहिए। भोजन में खीर अवश्य शामिल करें। इससे कुछ ही समय में आपकी समस्त मनोकामना पूरी अवश्य होगी।
  • अविवाहित कन्याएं शीघ्र विवाह के लिए या मनचाहे पति के लिए माँ तुलसी को श्रृंगार का सामान भेंट कर सकती हैं।

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