Banke Bihari Mandir Mangla Aarti: हादसा था… या कुछ और ?
Banke Bihari Mandir Stampede: जन्माष्टमी की रात को वृंदावन बांके बिहारी जी मंदिर में जो भी हुआ उसे हादसा और भगदड़ का नाम दिया जा रहा है। क्या सच में उस रात बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ मची थी? या कोई हादसा हुआ था ? बांके बिहारी मंदिर में ऐसा कुछ नहीं हुआ था ये सब बेबकूफ़ बनाने वाली बातें है आइये जानते है आखिर उस रात हुआ क्या था और उसके पीछे जिम्मेदार कौन ?
जैसा की आप सब को पता होगा बांके बिहारी मंदिर में एंट्री के लिए गेट नंबर 2 और 3 होते हैं जो की उस रात 1:45 पर मंदिर के गेट खोले गए थे लेकिन दोनो गेट के खुलने से पहले ही मंदिर के आंगन में श्रद्धालु पहले से ही मौजुद थे उन श्रद्धालुओ को गेट खुलने से पहले ही मंदिर में प्रवेश कहाँ से मिला और किसने सबको मंदिर में प्रवेश करने दिया। ये फोटो एन्ट्री गेट खुलने से पहले का है ये सब कैसे और किसने इनको प्रवेश दिया ?
Banke Bihari Mandir Another Case
और ये कोई हादसा नहीं है बल्कि मंदिर कमेटी की गलतियों की वजह से मंदिर में श्रद्धालुओ की मौत हुई जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ मंदिर कमेटी की है। क्योंकी Banke Bihari Mandir के अंदर की व्यवस्था मंदिर प्रबंधक की होती है। और ये बांके बिहारी मंदिर में पहली मौत नहीं है इससे पहले भी मंदिर में श्रद्धालुओ की मौत हुई है। कुछ दिर पहले ही मंदिर प्रबंधक के द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला गया था जिसमें एक महिला श्रद्धालु की तबियत खराब हो गई थी और अगर मंदिर कमेठी चाहती तो समय रहते उस महिला श्रद्धालु को बचाया जा सकता था।
लेकिन नहीं उस महिला को दर्द में तड़पते हुए मरने दिया गया वो महिला श्रद्धालु करीब 10 मिनट तक मंदिर में दर्द से तड़पती रही फिर उसके बाद उस महिला श्रद्धालु ने मंदिर में ही दम तोड़ दिया। और बाद में मंदिर कमेठी द्वार उस महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर दाल दिया गया और कहा गया की अपने आराध्य के चरणों में महिला की मौत हो गयी। इस कृत्य पर मंदिर प्रवन्धक को शर्म भी नहीं आई इस तरह उस महिला की दर्द से तड़पते हुए वीडियो वायरल करने में।
बांके बिहारी जी के प्यार में पड़ी एक भक्त की सच्ची कथा
मंगला आरती के समय जब निकास द्वार बंद थे तो मंदिर में भगदड़ कैसे हो सकती है या जो भी कह रहे है मंदिर में भगदड़ हुई क्या उन्हे भगदड़ का मतलब भी पता है बांके बिहारी मंदिर में इतनी जगह ही नहीं थी। जिससे भगदड़ हो क्यूकी मंदिर में श्रद्धालु ही इतने थे कि भगदड़ का तो सावल ही नहीं बनता मैं गेट नंबर 2 से होते हुए 5 मिनट में मंदिर में प्रवेश कर गया जब मंदिर के अंदर पाहुचा तो हर बार की तरह भीड़ हो रही थी मैं अपने आराध्य के दर्शन कर रहा था।
तो धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए मंदिर के आँगन की तरफ बढ़ गया भीड़ भड़ने के कारण में गेट नंबर 4 की तरफ बढ़ने लगा लेकिन वहा गेट नंबर 4 बंद था और गेट नंबर 1 से वीआईपी और प्रशासनिक अधिकारियों की सुविधा के लिए पुलिस द्वार पुरी तरह ब्लॉक कर दिया गया था फिर मंदिर से निकलाना नामुमकिन था। पीछे से और श्रद्धालु मंदिर में आते गए जिससे भीड़ इकठ्ठा होने लगी और भीड का दवाब इतना अधिक हो गया था की श्रद्धालुओ का दम घुटने लगा और हर तरफ सिर्फ चीखने चिल्लाने और रोने की आवाज के अलावा और कुछ सुना ही नहीं दे रहा था सभी बिहारी से प्रार्थना करने लगे किसी तरह वो मंदिर से बहार निकल जाए।
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मंदिर की सिक्योरिटी पहले से ही सुरक्षित स्थान पर थी उन लोगो को फर्क ही नहीं पड़ रहा था किसी के रोने और चिल्लाने से एक समय तो ऐसा आया जब इतने शोर गुल में मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था लोग वही बेहोश होने लगे थे।
और में भी किसी तरह गेट नंबर ४ के पास पंहुचा तब तक गेट नंबर ४ को खोल दिया गया था लेकिन जब में गेट नंबर की सीढ़ियों तक पंहुचा तो देखा वहाँ श्रद्धालु सीढ़ियों पर गिरे हुए थे। उन्हें उठाने के लिए भी कोई नहीं आ रहा था ऊपर से पीछे से आने वाले श्रद्धालु भी एक के ऊपर एक गिरे जा रहे थे पुलिस प्रशासन भी ऊपर छत से दर्शक बन सब कुछ देख रहे हैं फिर जैसे तैसे Mathura SSP Abhishek Yadav (मथुरा एसएसपी अभिषेक यादव) ने स्थति को संभाला और गेट नंबर १ और 4 से श्रद्धालुओं को बहार निकलने में मदद करने लगे श्रद्धालुओं को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया जो पूरी तरह से अपना होश खो चुके थे।
Banke Bihari Mandir जांच कमेटी के अध्यक्ष हैं सुलखान सिंह
बांके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात मंगला आरती के दौरान अधिक भीड़ हो जाने के कारण दम घुटने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गयी थी जबकि दस से ज्यादा श्रद्धालु गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। इस दुर्घटना के बाद उत्तर प्रदेश के Chief Misister Shri Yogi AadityaNath Ji ने Former DGP Sulkhan Singh (पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह) की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी बनाई गयी। इस कमेटी में अध्यक्ष सुलखान सिंह के अलावा Aligarh Commissioner Gaurav Dayal (अलीगढ़ के कमिश्नर गौरव दयाल) को सदस्य बनाया गया।
मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं, सच जानने के लिए गेट नंबर 4 के सीसीटीवी कैमरा देखे जाएं क्युकी गेट नंबर 4 पर ही मौतें हुई है जबकी गेट नंबर 4 की एक भी वीडियो अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। और मौतों का आकड़ा २ से अधिक है। उत्तर प्रदेश सरकार को वापस मंदिर की सारी व्यवस्था मंदिर के गोस्वामीओं को वापस दे देनी चाहिए और मंदिर कमेठी को जल्द से जल्द हटा देना चाहिये।
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